हनुमान चालीसा हिंदी में पढ़ने के लिए
हनुमान चालीसा भगवान हनुमान की महिमा का बखान करने वाला एक प्रसिद्ध ग्रंथ है। इसे गोस्वामी तुलसीदास जी ने रचा था और यह भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान रखता है। हनुमान जी, जो रामायण के अनुसार भगवान राम के परम भक्त और सेवक माने जाते हैं, की स्तुति करने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका हनुमान चालीसा का पाठ है। यदि आप हनुमान चालीसा हिंदी में पढ़ने के लिए ढूंढ रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए है।
हनुमान चालीसा का महत्व और हनुमान चालीसा हिंदी में पढ़ने के लिए क्यों कहा जाता है
हनुमान चालीसा हिंदी में पढ़ने के लिए सिर्फ एक धार्मिक कर्तव्य नहीं, बल्कि एक अद्भुत साधना का साधन है। माना जाता है कि इसका पाठ करने से हर प्रकार के भय, दुःख, और कठिनाई से मुक्ति मिलती है। हनुमान जी की कृपा से भक्तों के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। इसलिए, जो लोग हनुमान चालीसा हिंदी में पढ़ने के लिए समय निकालते हैं, वे अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करते हैं।
हनुमान चालीसा का पाठ कैसे करें?
हनुमान चालीसा हिंदी में पढ़ने के लिए सबसे पहले आपको एक शांत और साफ जगह का चयन करना चाहिए। सुबह-सुबह का समय विशेष रूप से उचित माना जाता है, लेकिन आप इसे दिन के किसी भी समय पढ़ सकते हैं। नियमित रूप से इसका पाठ करने से आपकी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। आप इसे अपने घर के मंदिर में या किसी धार्मिक स्थान पर जाकर भी पढ़ सकते हैं।
हनुमान चालीसा के लाभ और हनुमान चालीसा हिंदी में पढ़ने के लिए क्यों कहा जाता है
हनुमान चालीसा हिंदी में पढ़ने के लिए कई लाभ माने जाते हैं। यह न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि मानसिक और शारीरिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत लाभकारी होता है। इसका नियमित पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है और नकारात्मकता दूर होती है। यह डर और चिंता को कम करता है और आत्मविश्वास बढ़ाता है। अगर आप हनुमान चालीसा हिंदी में पढ़ने के लिए एक स्थिर समय तय करते हैं, तो आपको जल्दी ही इसके सकारात्मक परिणाम दिखने लगेंगे।
आधुनिक युग में हनुमान चालीसा का महत्व
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हनुमान चालीसा हिंदी में पढ़ने के लिए समय निकालना भले ही कठिन हो सकता है, लेकिन यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है। हनुमान चालीसा का पाठ जीवन में स्थिरता और धैर्य लाता है। डिजिटल युग में भी हनुमान चालीसा को लोग अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर पढ़ सकते हैं। कई वेबसाइट्स और ऐप्स हैं जहाँ आप हनुमान चालीसा हिंदी में पढ़ने के लिए प्राप्त कर सकते हैं। यह भक्तों के लिए बहुत ही सुविधाजनक है।
निष्कर्ष
हनुमान चालीसा हिंदी में पढ़ने के लिए किसी भी दिन का समय सही होता है, चाहे वह सुबह हो या शाम। इस पवित्र ग्रंथ के पाठ से व्यक्ति की सभी समस्याओं का समाधान हो सकता है। हनुमान जी की कृपा से जीवन की सभी परेशानियाँ और कठिनाइयाँ दूर हो जाती हैं। इसलिए, यदि आप हनुमान चालीसा हिंदी में पढ़ने के लिए समय निकालते हैं, तो यह आपके जीवन में शुभ फल लाएगा और भगवान हनुमान की असीम कृपा प्राप्त होगी।
दोहा
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निजमन मुकुरु सुधारि। बरनउं रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।
चौपाई
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
राम दूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुण्डल कुँचित केसा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे। कांधे मूंज जनेउ साजे।।
शंकर सुवन केसरी नंदन। तेज प्रताप महा जग वंदन।।
बिद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचन्द्र के काज संवारे।।
लाय सजीवन लखन जियाये। श्री रघुबीर हरषि उर लाये।।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहीसा।।
जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना। लंकेश्वर भए सब जग जाना।।
जुग सहस्र जोजन पर भानु। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रच्छक काहू को डर ना।।
आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरे सब पीरा। जपत निरन्तर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा। तिन के काज सकल तुम साजा।।
और मनोरथ जो कोई लावै। सोई अमित जीवन फल पावै।।
चारों जुग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु संत के तुम रखवारे।। असुर निकन्दन राम दुलारे।।
अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता। अस बर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुह्मरे भजन राम को पावै। जनम जनम के दुख बिसरावै।।
अंत काल रघुबर पुर जाई। जहां जन्म हरिभक्त कहाई।।
और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।
सङ्कट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जय जय जय हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहि बन्दि महा सुख होई।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महं डेरा।।
दोहा
पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।
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